Book Title: Niti Shatak Satik
Author(s): Bhartuhari
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir भ: || सजीपिनम् 1 जगदुन्मादंदुःखसहिष्णुतांकालाज्ञानंचदर्शयति आदित्येति गनागनैर्ग मनागमनैः उदयाचलादनाचलंपनिगमनमागमनंतुनः पुनरुदयाचलंपानिएवंपकारकैगतागतैरहरहः प्रतिदिनंजीधिनमायुः सायनेनश्यनियाधारैर्जगरनेकच्यवहारः कथंभून बहुकार्यभार गुरुभिः बहूनि कार्याणयेवभाराचोदुमशम्यानैर्गुरुभिर्महाद्भिः कालोमरणा दृष्ट्याजन्मजराषिपनिमरणंत्रासश्चनोपयने पीत्तामोहमयीपमादमदिरा मुन्मत्तभूतंजगत् 7 यदायुर्गनायवशिष्टपिनिनुभिरपिनरिजायनेनावशे घेणानुभूयतेजन्मादिमरणातकर्मसर्वेषामात्मनो पिरलार सनेत्रगोचरीकलापिनासाभयंनो त्पद्यनेअनिष्टकरणाकभिरपिनानिवर्जनशनिभावः नरहेतुमाह पालेनि मोहमचुरांपमाद For Private and Personal Use Only

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