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मृत्यु का अनुभव
[ ६३ आ जाती है तथा अपना ही चित्त उसे स्पष्ट रूप से जीवन में किए गए सभी अच्छे बुरे कर्मों को स्पष्ट रूप से देखता है जिससे उसे पश्चाताप होता है। कुछ लोगों को ऐसा भी अनुभव होता है कि काले रंग वाले विकराल आकृति के यमदूत उसे पकड़कर ले जा रहे हैं व यमराज के सामने प्रस्तुत करते
' चित्रगुप्त यमराज के सामने उसके अच्छे-बुरे कर्मों का लेखा-जोखा प्रस्तुत करते हैं । फिर वह जिस लोक का अधिकारी होता है उस लोक में भेज दिया जाता है। थियोसॉफी ने भी इसे स्वीकार किया है। किन्तु जो संसार छोड़ना नहीं चाहता उसी को पकड़ कर ले जाया जाता है।