Book Title: Mrutyu Aur Parlok Yatra
Author(s): Nandlal Dashora
Publisher: Randhir Book Sales

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Page 123
________________ १२. पुनर्जन्म और अवतार (अ) पुनर्जन्म का कारण हिन्दू, जैन व बौद्ध धर्म पुनर्जन्म में विश्वास करते हैं जबकि ईसाई एवं मुस्लिम धर्म एक हो जन्म मानते हैं किन्तु ऐसी कई प्रत्यक्ष घटनाएँ सामने आती हैं जिससे पुनर्जन्म को सिद्ध किया जा सकता है । कई व्यक्ति इसके गवाह भी होते हैं । थियोसॉफी ने भी इसे स्वीकार कर इसका वैज्ञानिक एवं तर्क संगत कारण सोदाहरण प्रस्तुत किया है। पुनर्जन्म का मुख्य कारण कर्म नियम है। मनुष्य अपने कर्मों का फल भोगने के लिए पुनर्जन्म ग्रहण करता है क्योंकि जीवन में किए गए स्थूल कर्मों का भोग स्थूल लोक में तथा स्थूल शरीर से ही होता है। जब तक जीवात्मा के समस्त कर्मफल भोग समाप्त नहीं हो जाते तब तक वह बार-बार जन्म ग्रहण करता ही रहता है । मुक्त पुरुष ही इस जन्म-मरण के चक्र से मुक्त होते हैं, अन्य सभी को इस चक्र से बार-बार गुजरना पड़ता है। पुनर्जन्म का दूसरा कारण शरीर के प्रति आसक्ति है। इसी शरीर के प्रति मोह के कारण ही वासनाएँ पैदा होती हैं (१२२)

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