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महाप्रज्ञ - दर्शन
होगी और बूढ़ा होने पर सफेद भी हुई होगी। किंतु मूर्तिकार तथा चित्रकार ने इन्हें सदा कुमार दिखाना ही पसन्द किया क्योंकि ये आत्माराम थे, शरीर में इनकी आत्म बुद्धि थी ही नहीं फिर इनके शरीर के बुढ़ापे को दिखाना इनके प्रति न्याय न होता, अतः इन्हें सदा कुमार ही दिखाया गया । देहाध्यास से मुक्त रहना अजरत्व का सूत्र है और कालक्रम में घटने वाली घटनाओं को अपने में घटने वाली घटनायें न मान लेना अमरत्व का सूत्र है। क्योंकि जब तक हम कालचक्र में घूमने के साथ अपना तादात्म्य संबंध मानते रहेंगे तब संसार चक्र से नहीं निकल पायेंगे और "पुनरपि जननं पुनरपि मरणं पुनरपि जननीजठरे शयनम्” का नियम हम पर लागू होता रहेगा । इस नियम के ऊपर उठ जाना ही अमरत्व है. वही मोक्ष है।
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