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सामाजिक-आर्थिक तंत्र के चार मॉडल में भी अपनी शर्ते रखने लगता है, जिसका अर्थ यह होता है कि हमारी स्वतंत्रता केवल दिखावे की चीज बनकर रह जाती है। वास्तव में हम परतंत्र हो जाते हैं। पर फिर भी हमें कर्जा इसलिए लेना पड़ता है कि हम अपनी कृत्रिम आवश्यकताओं को प्राथमिक आवश्यकतायें मान बैठे हैं। आवश्यकता इस बात की है कि आवश्यक और अनावश्यक के बीच रेखा खींची जाये। जैसे ही यह रेखा खींचती है, और अनावश्यक का मूल्य समाप्त होता है, वैसे ही केन्द्र से अर्थ हट जायेगा और उसके स्थान पर मानवीय मूल्य स्थापित हो जायेंगे। विकेन्द्रित अर्थ व्यवस्था और मानवीय संस्पर्श
___ उद्योगीकरण के दौर की एक प्रकृति है कि लघु उद्योगों का स्थान यंत्रों के आविष्कार के कारण बड़े-बड़े उद्योग लेते जा रहे हैं। इन बड़े उद्योगों में छोटे-छोटे विभाग हैं। केन्द्र इन विभागों पर नियन्त्रण रखना चाहता है और ये विभाग स्वतंत्रता चाहते हैं। मानवीयता के नाते इन दोनों के बीच सामंजस्य स्थापित करने की आवश्यकता है। व्यवस्था के लिए नियन्त्रण आवश्यक है, किंतु सर्जनात्मकता के लिए स्वतंत्रता आवश्यक है। यदि नियन्त्रण में कहीं अभाव आता है तो व्यवस्था गड़बड़ा जाती है और यदि कहीं स्वतंत्रता बाधित होती है तो सर्जनात्मकता की हत्या होती है और कुण्ठा का जन्म होता है। व्यवस्था और स्वतंत्रता के बीच समन्वय के लिए पांच बातों का ख्याल आवश्यक है१. जिन कार्यों को कोई छोटा घटक कर सके उस कार्य में केन्द्र हस्तक्षेप न
करे । केन्द्र ऐसी स्थिति में छोटे घटकों की सहायता कर सकता है, किंतु वह सहायता भी ऊपर से थोपी नहीं जानी चाहिए। छोटे घटकों को यह अनुभव होना चाहिए कि वे अपने उत्तरदायित्व को समझते हैं न कि उन्हें केन्द्र की ओर से उनका उत्तरदायित्व समझाया जाना है। ऐसा होने पर
केन्द्र स्वयं ही पुष्ट हो जायेगा। २. केन्द्र को यह समझना चाहिए कि उसका कार्य अपने आधीनस्थ घटकों की रक्षा करना है, न कि उन पर आरोप लगाना। व्यवस्था के लिए अनुशासन आवश्यक है, किंतु अनुशासन का अर्थ हर बात में रोक टोक करना नहीं है अपितु उद्देश्य की पूर्ति ही अनुशासन का लक्ष्य है। उस उद्देश्य की पूर्ति के लिए रुचि वैचित्र्य के कारण यदि छोटे घटक अलग-अलग मार्ग अपना रहे हों तो उन मार्गों में एकरूपता लाना केन्द्र का कार्य नहीं है, क्योंकि
ऐसा करने से व्यक्ति की काम में रुचि समाप्त हो जाती है। ३. यह बहुत सम्भव है कि एक घटक सशक्त हो और दूसरा घटक कमजोर
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