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(२) श्रीमान् सेठ वर्धमानजी साहब पीतलिया रतलाम से लिखते हैं कि -
हमने लोंकाशाह मत समर्थन पुस्तक देखी, पढ़कर प्रसन्नता हुई। पुस्तक बहुत उपयोगी है अलबत्ता भाषा में कितनी जगह कठोरता ज्यादा है वो हिन्दी अनुवाद में दूर होना चाहिए, जिससे पढ़ने वालों को प्रिय लगे। पुस्तक प्रकाशन में प्रश्नोत्तर का ढंग और प्रमाण युक्ति संगत है।
(३) युवकहृदय मुनिराज श्री धनचन्द्रजी महाराज की सम्मति -
__ आपकी लोंकाशाह मत समर्थन पुस्तक स्था० समाज के लिए महान् अस्त्र है। जो परिश्रम आपने किया उसके लिए धन्यवाद। ऐसी पुस्तकों की समाज में अत्यन्त आवश्यकता है। आपकी लेखनी सदैव जिनवाणी के प्रचार के लिए तैयार रहे।
स्थानकवासी जैन कार्यालय अहमदाबाद में आई हुई सम्मतियों में से कतिपय सम्मतियों का सार
(४) पूज्य श्री गुलाबचन्दजी महाराज (लिंबड़ी सम्प्रदाय)
लोकाशाह मत-समर्थन पुस्तक वाचतां घणो आनन्द थयो, आवा उत्तम प्रयास बदल लेखक रतनलाल डोशी ने धन्यवाद घटे छे, अनेक प्रमाणों सहित आ पुस्तक थी स्था. जैन समाज नी धर्म श्रद्धा दृढ़ थशे।
(५) पूज्य श्री नागजी स्वामी (कच्छ मांडवी)
श्री लोंकाशाह मत-समर्थन जैन जनता माटे घणुंज उपयोगी अने प्रमाणित पुस्तक छ।
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