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प्रार्थना से मुझे प्रसंग प्रसंग पर यह लाभ दिखाई देता था कि जीवन की ऊँची नीची घटनाओं में मलिनता या हायहाय को मेरे मन में खास स्थान नहीं मिलता था । । अतः दो तीन लाख के प्रश्न वाली इस उलझन के सम्बन्ध में क्या राह अपनाऊँ, यह समस्या दूर हुई; धर्मध्यान में चित्त की स्वस्थता बनी रहे इस हेतु से मैने तो अपने जीवन के एक मात्र आधार माने हुए प्रभुजी के आगे आसन जमा दिया । प्रभु को मन ही मन संबोधित कर कहा, - ‘नाथ ! मैं इस भारी चिंता में व्यग्र हूँ | आपको मेरा मार्गदर्शन करना हैं कि मै क्या करूँ ? मैं जवाब लेकर उलूंगा, जब तक जवाब नहीं मिलेगा तब तक हे प्रभु ! मैं यहीं बैठा रहूँगा ।' बस, फिर तो एक मात्र प्रभु का स्मरण और प्रभु के प्रभाव का गुणगान आदि करता हुआ बैठा । एक घंटा हुआ, दो घंटे हुए, मेरी कसौटी होने लगी । परन्तु मैने जो मन में निश्चितता धारण कर ली थी कि चाहे रात हो जाय या सारी रात बैठना पडे, परन्तु मुझे अपने नाथ से जवाब मिलनेवाला है। प्रभु सेवक को समाधि देते ही हैं । प्रभु स्वयं समाधि सिद्ध करनेवाले बने हैं तो उनके प्रभाव से मुझे समाधि क्यों न मिलेगी? जरूर मिलेगी ! बस, जनाब ! मन के निश्चय के साथ बैठा था, हृदय में अचल श्रद्धा थी, घंटोपर घंटे बीतते गये, मैंने परवाह नहीं की। मंदिर में अब मैं अकेला ही रहा था। वैसे भी पुजारी जानता था कि भाई कभी कभी प्रभु के पास बैठते ही हैं, सो उसने भी कुछ नहीं पूछा-ताछा | समय अधिक होता गया, परन्तु मन में होता कि ऐसी भी बाहर जाकर चिंताग्नि में जलना है, इससे तो मेरे वीतराग भगवान के आगे अच्छी ठंडक है, वीतराग की महिमा अनंत है । बस, प्रार्थना सफल हुई । अवसर आ गया । एकाएक मुझे अपने मन के आगे जवाब दिखाई दिया कि तू ऐसे कर, मानो स्पष्ट स्वच्छ अक्षर पढ़ते हो ऐसा भास हुआ । प्रभु का बहुत उपकार माना । वंदना कर घर आकर उस मुताबिक किया और उलझन सुलझ गयी । प्रभु के प्रभाव और प्रभु के प्रति कृतज्ञता से गद्गद् हो गया। प्रभु! आपका कितना उपकार मानूँ ? नाथ ! मेरा कौन है, आप के सिवा और ?' उक्त भाई की बात पूरी हुई।
परमात्मा के प्रति आस्था से उनका मन सुखमय संसार पर से भी अधिकाधिक विरक्त होता गया; और अब तो वे दीक्षित भी हो गये ।
बात यह है कि प्रार्थना अटल श्रद्धा तथा निश्चय वाली होनी चाहिए । 'होगा, देखते है, हुआ तो ठीक, नहीं तो पीछे और कोई उपाय खोजेंगे;' इस तरह संशययुक्त नहीं । वह तो एक मात्र निश्चय कि 'प्रभु से ही भला होनेवाला है,
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