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जेम ब्राह्मण संन्यासी ने पण वर्षा ऋतुमां फरवानु बंध राखq पड़े छे, अने पाणी पीधा पहेलां गालवं पड़े छे, अने स्पष्टपणेज-जो के चौकस नथी छतां-ते मांसाहार करी शेकतो नहिं. गमे तेम हो पण अारलु तो चौकस छे के ब्राह्मण धर्ममां पण घणा लांबा समय पछी या सूक्ष्म अहिंसा विहित थई, अने आखरे वनस्पति आहारना रूपमा ब्राह्मण जातिमां पण ते दाखल थई हती. कारण अछे के जैनोना धर्मतत्वोने जे लोकमत जीत्यो हतो तेनी असर सजड रीते वधती जती हती ...... ... . अने आखरे दक्षिण हिन्दुस्तानमां ई. स. नातेरमा सैकामां उत्पन्न थयेला माधव संप्रदायना केटलाक प्रतिनिधिओश्रे अन्तिम पगल लीधु. तेमणे गसे ते प्रकारनी प्राणी हिंसा ने पापवाली गणी ने धिक्कारी अने यज्ञमां प्राणी वलिदान ने स्थाने कहेवातो-पिष्ट-पशु, अटले अन्ननी बनावेली प्राणीनी प्राकृति वापरवानो रिवाज दाखल कर्यो." ' जनधर्म प्राचीन धर्म छे, अने अनु उत्थान' हिंसाना अने व्यर्थ कर्मकांडना विरोधमा थयु हतुं अ हवे स्पष्ट छे. जीवनना प्रत्येक क्षेत्रमा अहिंसान आचरण श्रे जैनधर्मनो हिन्दुसंस्कृतिमा फालो ___ जैनष्टिो अहिंसा अटले मानसिक तेमज कायिक, अहिंसा. मानसिक अहिंसाना फलरूपे जैन नत्वज्ञानमांस्याद्वादनो प्रवेश थयो. दरेक वस्तुने जुदी जुदी रीते जोवानी टेव पाडवी अने परमतनो अकदम विरोध न करचो-वे छे