Book Title: Kayvanna Shethno Ras
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 13
________________ (१२) ए घर थाहीतगण बेटा ॥प्राण दोशे हवे प्रादुणा बे टा, तुं मन जाए म जाण बेटा ॥घरें॥६॥ हुँ मोसी तुज तातडो बेटा, नयण गमायां रोय बेटा ॥ घर शूनं करी गयो बेटा, रह्यो परदेशी होय बेटा॥घरें॥॥ बालपणे दु जाणती बेटा,करशे बूढापण सेव बेटा॥ बोरु कुबोरु दुवे बेटा, न गणें तुं मा गुरु देव बेटा॥ घरें० ॥ ७॥ जो बालापण साजरे बेटा, शीयालानी रात बेटा ॥ तो बोडे नहीं मातने बेटा, चढयु कलंक विख्यात बेटा ॥ घरें ॥॥ पाली लाली महोटो कि यो बेटा, धोयां मलने मूत्त बेटा ॥ सगाइ गाइमांग णी बेटा,तुं मारे घरनुं सूत्त बेटा ॥ पागंतरें ॥ खूतो वेश्यागुं विगुत्तं बेटा ॥घरें ॥ १० ॥ वद रतन ए ताहरी बेटा, सुगुण सती सुकुलीय बेटा ॥ को ल ज्युं काली दुबेटा, विरहिणी जूरी जूरी दीण बेटा ॥ घरें ॥११॥ नीचनो संग करावीयो बेटा, ते फल लागां एह बेटा ॥ पाणी पीने घर पूq बेटा, दू उखाणो तेह बेटा ॥ घरें ॥ १२ ॥ जो विहडे पेटज थापणुं बेटा, तो कलि कथल होय बेटा ॥ ए उखाणो हां करो बेटा, ते साचो दु जोय बे टा॥बरें॥ १३ ॥ ढुं पापिणी सरजी अबु बेटा,कुःख Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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