Book Title: Karmagrantha Part 4
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
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गा।
प्राः |
हि।
१-अप्पबहू ५६-अबंधग
अल्पबहु अबन्धक
कर्मग्रन्थ भाग चार
७८,८३-आभास
अभ्यास
अभव्य
अभब्येतर
१९.२६.३२-अभव(व्य)
४३-अमवियर ८३ - अभवजिय ६६-अभवत्त ५१-अभिगहिर
अभव्यजीव अभब्यत्व
कम और ज्यादाः [७-४] । बन्धन करनेवाला जीव-विशेष । 'अभ्यास' नामक गणितका संफेतविशेष [२१८-१८] । सिद्ध न होनेवाला जीव-विशेष ( अभव्य' और 'भक्ष्य' नामक
जीव विशेष । 'अभव्य नामक जीव-विशेष । अभव्यत्व' नामक मार्गणा विशेष । 'आभिपहिक,नामक मिथ्यात्व। विशेष [१७६-४)। ('आभिनिवेशिक-नामक मिथ्या
त्व-विशेष [१७६-७] । अलोफाकाश । लोमको छोड़कर। लेण्या-रहित।
आभिग्रहिक
५१-अभिनिवेसिय
४-अलोगनह ८५-अलोम ५०-अल्लेसा
आभिनिवेशिक अलोकनमस् अलोभ अलेक्य
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