Book Title: Karmagrantha Part 4
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur

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Page 330
________________ गा. प्र० स० ५२--गगुण ५२-इगपञ्चम एकगुण एकप्रत्ययक पहिला गुणस्थान । एक कारणसे होनेवाला बन्धविशेष । कर्मग्रन्थ भाग चार एकविंशति ६४-इगमीत १८-इतो ११.२६,३९-इत्यि [५३.१५] स्त्री इवम् यहाँ से । 'स्त्रायेद' नामक वेद-विशेष । यह इनको इसका इनमें इमान् ८१,५४ ७९-२५ अस्स अस्थ एतु २४.५२,६८) इति ७५.८०ES-इय इतर ४४,४७.६३. -इयर २,४६-इह समाप्त और इस प्रकार । उन्टा-प्रतिपक्षी। यहाँ । २६.३६.४६,५२. २५६

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