Book Title: Karmagrantha Part 4
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur

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Page 344
________________ गा० ३७,३८-२,३६-) २.४०, ४१.४२ -- थोव ४३-३, ४४-२.६३१ STO १६.३६ - दम ६,१६,२०,३१.६ - दस ५४. ५८६११ ६५ - दाणाइलद्धि ७४,७७- दीक्षुदही ६-२.८ १५-२.१८) १६-२,२०,२१. २३-२ ३५-२,३७, । - चु(ना) ३८, ४२, ४४, ४७ । ६२-२,६४,८२ ! १६.३२ - दुअनाम सं० स्तोक दक दश द 宿 hr दाना दिलब्धि द्वीपोदधि व्यज्ञान थोड़ा 'जलकाय' नामक स्थावरजीव विशेष | दस दान आदि पांच लब्धियां । द्वीप और समुद्र । बो । 'मत्यज्ञान' और 'ताज्ञान' नामक वो अज्ञान । कमग्रन्थ भाग चार २७३

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