Book Title: Karmagrantha Part 4
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur

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Page 355
________________ मा. ५३ मिसापचाइब मिथ्यात्वमस्वयक 'मिध्वाब' से होनेवाला बम्ब विशेष। ५५,५७-मिस्त्र(मीस)ग मिश्री 'बीपारिकमिश और वैकियमिभ' नामक योगमंच। १३,१५,२४-२, मीसग) [६८, मिम(क) बीसरा गुणस्थान, बोग-विशेष, २१,१३.४४,४६, ९०.२०,९१-२२, अज्ञान, सम्यक्त्व-विशेष और १८-२,५५,५९, १३.१.१९५५.५: माक्- पिका ६१,६३,६४,६५, २०५-२) छोड़कर। ६०,६९-मोह 'मोहनीव-नामक कर्म-विशेष। ६९J १,१०,१३,२२॥ और। कर्मयम्ब नाग बार ५५ दिन रदिन।

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