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१७,६५,७४,५५-4(वा)
बा, इव
अथवा और जैसे।
२४,२७,२८.२, १--
बनम् वर्गवास वनित वर्ज
८४.सागर
८०--पग्गिय ३४,५३,५५-यन १०,१५,३६,३८पण [५२-१४
८५--बणस्था १०,१०,१५,३९,४०-यण [५३-२, ..
वर्ग करो। बर्ग किया जा छोड़कर। वनस्पसिकाय । वनस्पतिकाय । शब्द।
बन
बनस्पति
म्यवहरति
अपि
८६-बहरा १५,१०,६९,७५,८४--वि
२९,४६,४९--विउम्बा(-1) ५,२५-२,२९,४६--विडम्ब(ब)दुग
कहा जाता है। ही और भो। 'वैक्रिय' नामक शरीर वथा योगविशेष । 'वैकिया और क्रियमित्र' नामक योग-विशेष
कर्मग्रन्य भाग चार
: क्रियतिक