Book Title: Karmagrantha Part 4
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur

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Page 352
________________ गा. सं० ५६-विकसाय द्वितीयकवाय ६५,७५,७६-पीय(य) २८ .[.१६ ५९--पर द्वितीय 'थप्रस्वास्पानावरण'नामकक. बाप-विशेष। दूसरा। कर्मबन्ध । पॉपवा है। कर्मग्रन्थ-भाग चार मासि मर परिक्ष ७६-मासु ७४-मरिय ९,२५,७४-मब(ब) [४९-२४]] १३,१६- भविबियर भरो। मराया। 'भव्य' मामक जीवोंकावर्ग:विशेष RE मध्यवर १,७०-भाष [७.५] ५-मास 'भय और पाम्य' नामक जीवों वर्ग:पिसेष। श्रीदों के परिणाम । 'असत्या मृ'-मामक वन-योग भाष વરી . . . . . . . . .

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