Book Title: Karmagrantha Part 4
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur

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Page 334
________________ गॉ० TO सं० ८५ काल काल किम १३- किण्हा [ ६३-१६ ] कृष्णा १- किम् ७६ - किर ३६ - कीव किल क्लीब ११,४२ - केवल [ ५६-१६] केवल ६५ - केवल जुयल ६,१७,११,२८,} ३१,३३,३७,४८,केवलदु (ग) ८५. १२- केवलदंसणा ६३-३] ४१.६७ - केवलिन् ११-कोह [ ५५-२] ४०- कोहिन् केवल युगल केवलद्विक केवलदर्शन केवलिन् क्रोध क्रोधिन् 'काल' नामक द्रव्य - विशेष | 'कृष्णा' नामक लेश्या - विशेष । कुछ । पादपूत्यर्थ 'नपुंसकवेद' नामक उपमार्गणा विशेष | 'केवलज्ञान' नामक ज्ञान विशेषतथा 'केवलदर्शन' नामक दर्शनविशेष | " 11 'केवलदर्शन' नामक दर्शन-विशेष | केवलज्ञानो भगवान् । 'क्रोध' नामक कषाय विशेष । क्रोधवाला जोव । A 4 कर्मग्रन्थ माग चार 22

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