Book Title: Karm Rahasya
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Jinendra Varni Granthmala

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Page 8
________________ अहिंसा है। इसका आचरण होने पर सर्वत्र शान्ति की स्थापना की जा सकती है। श्री जिनेन्द्र वर्णी एक आध्यात्मिक महापुरुष हैं। उन्होंने प्रस्तुत कृति में सरल और सुगम भाषा में अहिंसा के ही तत्त्वों को उजागर किया है। आज के युग में मानवता के उद्धार और उसकी प्रतिष्ठा स्थापित करने के लिए यह पुस्तक उपयोगी सिद्ध होगी, इसमें सन्देह नहीं, शिक्षित युवकों के लिए एक दिशा इससे मिलेगी और वे युग को बुराइयों से बचकर सही मार्ग पर आवेंगे। वर्णी जी आध्यात्मिक पुरुष ही नहीं हैं, अच्छे लेखक, ग्रन्थकार, प्रवचनकार और विद्वान् भी हैं। उन्होंने अब तक एक दर्जन के लगभग महत्त्वपूर्ण कृतियों का सृजन कर उनके द्वारा मानव की सुप्त चेतना को जागृत किया है। उल्लेखनीय है कि यह महत्त्वपूर्ण पुस्तक श्री वर्णी जी के उन २०, २५ प्रवचनों का संग्रह है, जो उन्होंने अप्रैल १९८१ में भोपाल (म० प्र०) में दिये थे और जिन्हें सभी ने पसन्द किये थे। प्रथम संस्करण भोपाल के ही स्वाध्याय प्रेमियां की प्रेरणा से प्रकाशित किया गया था जो अब समाप्त हो गया है अतः पाठकों की निरन्तर मांग के कारण इसका द्वितीय संस्करण प्रकाशित किया गया है । उनकी यह रचना भी पूर्व प्रकाशित सभी रचनाओं की भांति ही पूर्णतया आदृत एवं उपादेय रही । -(डॉ०) दरबारीलाल कोठिया, न्यायाचार्य पूर्व रीडर, काशी हिन्दू विश्व विद्यालय, एवं उपाध्यक्ष, जैन समाज काशी, वाराणसी। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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