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२. श्रुत संपदा
१. बहुश्रुतता २. परिचितसूत्रता
३. विचित्रसूत्रता ४. घोषविशुद्धि
३. परिपूर्णेन्द्रियता ४. स्थिर संहननता
३. शरीर संपदा
१. आरोहपरिणाहयुक्तता
२. अनवत्राप्यता ४. वचन संपदा
१. आदेय वचनता
२. मधुर वचनता ५. वाचना संपदा
१. योग्य वाचना
२. परिणत वाचना ६. मति संपदा
१. अवग्रह
३. अनिश्रित वचनता ४. असंदिग्ध वचनता
३. सूत्रनिर्वहन वाचना ४. अर्थनिर्वहन वाचना
२. ईहा
३. अवाय ४. धारणा
७. प्रयोगमति संपदा
१. शक्ति ज्ञान २. पुरुष ज्ञान
३. क्षेत्र ज्ञान ४. वस्तु ज्ञान
८. संग्रहपरिज्ञा
१. गणयोग्योपग्रह संपत्ति ३. स्वाध्याय संपत्ति २. संसक्त संपत्ति
४. शिक्षोपसंग्रह संपत्ति प्रकारान्तर से आचार्य के छत्तीस गुणों का वर्णन इस रूप में उपलब्ध है
१. प्रवचनसारोद्धार पत्र १२८-१३०
२६८ / कालूयशोविलास-१