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देखना
आंख
विलोकै विलोचन विशोही विसवाह वेलूपर्वत व्यंगी व्यतिकर व्याऊड़ी व्रात
व्रीड़ा
शरणा
शर्म
शशांक शाण
शारद
शाल शासनधव शासनमोड़ शाह/शा शिखरी शिलोच्चय शिव-थाह शुक्ति (ती) शेखैकाळ शोथ संघयण संच्योड़ा संतति संथुणी संप्रति सर्भाग
विशुद्धि विश्वास बालू रेत के टीले व्यंग्य करने वाला वृत्तान्त बिवाई समूह लज्जा आश्रय सुख चन्द्रमा कसौटी, सान शरद ऋतु में होने वाला शाल वृक्ष, शल्य आचार्य आचार्य साहूकार, सेठ पादप पहाड़ मोक्ष की गहराई सीप चातुर्मास के अतिरिक्त आठ मास का समय। सूजन शरीर की अस्थि-संरचना संचित किया हुआ परम्परा, संतान स्तुति वर्तमान साधु-साध्वियों का पारस्परिक व्यवहार
३७४ / कालूयशोविलास-१