Book Title: Kaluyashovilas Part 01
Author(s): Tulsi Aacharya, Kanakprabhashreeji
Publisher: Aadarsh Sahitya Sangh

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Page 376
________________ गधा रक्षा पुरस्कार प्रसन्न करना कृपा क्रोध ऋतु रासभ रिछपाल रिझवारी रिझावण रीझ रीसड़ी रुत रूंखड़ो रूस रूड़ी (डो) रूपाळो रेणुकणां रेत रेस रोढ़ो/रोढना रोळो रोहिणिधव लक्कड़दाहो लफरा लबार लवना लहलीणी लहुता लहुवंशी लहूड़ा लाहो लिगार लीक लुकाह लुळ-लुळ बालकनी श्रेष्ठ सुन्दर धूल के कण वीर्य रहस्य वश में करना तेज आवाज चन्द्रमा भयंकर सर्दी, जिसमें लक्कड़ भी जल जाते हैं। झंझट अधिक बोलनेवाला बोलना तल्लीन लघुता दशा ओसवाल छोटा लाभ अंश लकीर, बना-बनाया मार्ग छिपाकर अत्यधिक झुककर ग्रीष्म ऋतु में चलनेवाली बहुत गर्म हवा। ३७२ / कालूयशोविलास-१

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