Book Title: Kaluyashovilas Part 01
Author(s): Tulsi Aacharya, Kanakprabhashreeji
Publisher: Aadarsh Sahitya Sangh

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Page 379
________________ संयुजे संलेखना संवळी सखर सचकारयो सच्छ सजोड़े सटकां सतोरां सन् सफा-सफा सबं (वं) क समचै समज्या समय समोसरया सणां सरणी सलूण सवया सव्यास सहाणी सहोदरी सांई सांत (रा) सांभरियो साकर साखी सागी साद सानैमा मिलाकर अनशन के पूर्व की जाने वाली तपस्या अनुकूल, सरल अच्छा, बलवान सत्य किया, साक्षात दिखाया स्वच्छ सपत्नीक शीघ्रता से पराक्रम सहित विद्वान साफ-साफ वक्रता सहित विभागीय पांती और कार्यों से मुक्त रहने की व्यवस्था सभा सिद्धान्त, आगम पधारे सज्जन मार्ग सुन्दर सदृश विस्तार के साथ निशानी बहिन स्वामी अच्छी कर्त्तव्य और दायित्व के प्रति जागरूक मिश्री वास्तविक, असली शब्द संकेत से परिशिष्ट- ४ / ३७५

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