Book Title: Kaluyashovilas Part 01
Author(s): Tulsi Aacharya, Kanakprabhashreeji
Publisher: Aadarsh Sahitya Sangh

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Page 383
________________ लेखक-परिचय दीक्षा आचार्य जन्म : २० अक्टूबर १६१४, लाडनूं (राजस्थान) वि. सं. १६७१, कार्तिक शुक्ला द्वितीया : ५ दिसम्बर १६२५, लाडनूं (राजस्थान) वि. सं. १९८२, पौष कृष्णा पंचमी : २६ अगस्त १६३६, गंगापुर (राजस्थान) अणुव्रत-प्रवर्तन : १ मार्च १६४६, सरदारशहर, (राजस्थान) वि. सं. २००५, फाल्गुन शुक्ला द्वितीया युगप्रधान : २ फरवरी १६७१, बीदासर (राजस्थान) वि. सं. २०२७, माघ शुक्ला सप्तमी भारत ज्योति : १२ फरवरी १९८६, उदयपुर (राजस्थान) वि. सं. २०४२, माघ शुक्ला पंचमी वाक्पति : १४ जून १६६३, लाडनूं (राजस्थान) वि. सं. २०५०, आषाढ कृष्णा दशमी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार : ३१ अक्टूबर १६६३, नई दिल्ली वि. सं. २०५०, कार्तिक कृष्णा एकम महाप्रयाण : २३ जून १६६७, गंगाशहर (राजस्थान) वि. सं. २०५४, आषाढ़ कृष्णा तृतीया प्रमुख कृतियां कालूयशोविलास सन्मति का मतितंत्र डालिमचरित्र चेतना का आकाश : अध्यात्म माणकमहिमा का सूर्य मगनचरित्र नया समाज : नया दर्शन सेवाभावी मुखड़ा क्या देखे दरपन में मां वदना जब जागे तभी सबेरा चन्दन की चुटकी भली लघुता से प्रभुता मिले मैं तिरूं म्हारी नाव तिरै दीया जले अगम का भरतमुक्ति मनहंसा मोती चुगे पानी में मीन पियासी दीये से दीया जले अग्निपरीक्षा कुहासे में उगता सूरज सामरस बैसाखियां विश्वास की सुधारस सफर आधी शताब्दी का नन्दन निकुंज जीवन की सार्थक दिशाएं शासन-सुपमा जो सुख में सुमिरण करे अणुव्रत-गीत बिन पानी सब सून तेरापंथ-प्रबोध राजपथ की खोज आत्मा के आसपास अणुव्रत : गति-प्रगति सम्बोध अनैतिकता की धूप अणुव्रत श्रावक-संबोध की छतरी मेरा जीवन : मेरा दर्शन अणुव्रत के आलोक में

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