Book Title: Kaluyashovilas Part 01
Author(s): Tulsi Aacharya, Kanakprabhashreeji
Publisher: Aadarsh Sahitya Sangh

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Page 370
________________ नाज नान (न्ह) पणो नानो निगम निगुरो निजोरी निढाल अनाज बचपन छोटा मार्ग जिसने गुरु से ज्ञान न लिया हो, कृतघ्न। ऐसी घटना, जिसमें आदमी का जोर/वश नहीं चले। शिथिल केवल, एकमात्र निपट निभाल देखकर निरखै/ निरखना निरणो निलवट निवडी निवड़ना निष्प्रत्यूह निसाण निसुणी नीको नीठा नेय नेष्ट निर्मित नेहड़ला देखना, अवलोकन करना निर्णय ललाट निष्पन्न होना निर्विघ्न नगारा सुनकर श्रेष्ठ नष्ट होना, समाप्त होना बड़ी मुश्किल से नेत्र होके की नली प्रश्न पूछकर बनाई गई कुण्डली। स्नेह अपना, निजी शहनाई नौ हाथ लम्बा आचार्य पथिक सहलाना पक्ष का अन्तिम दिन, जिस दिन प्रतिक्रमण करने के बाद खमतखामणा किया जाता है। नैज नोपत नोहत्थो । पंथ-पनाह पंथीड़ा पंपोळो/पंपोलना पक्खी ३६६ / कालूयशोविलास-१

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