Book Title: Kaluyashovilas Part 01
Author(s): Tulsi Aacharya, Kanakprabhashreeji
Publisher: Aadarsh Sahitya Sangh

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Page 364
________________ घडसी/घड़ना घमघम घर्म घाम घुड़की घुराया/घुराना चंगो/चंगिणि चटक-कटक चमू चरण चरूड़ी (डो) चातक चानणो चावो चीवर गढना, बनाना नगारे का शब्द गर्मी ताप धमकी नक्कारै का शब्द होना अच्छी, श्रेष्ठ चिड़ियों की सेना सेना चारित्र, दीक्षा स्पष्ट पपीहा प्रकाश प्रसिद्ध वस्त्र चातुर्य, चतुराई भूल करना सुघटित आटा, चुनकर चूर्णी, आगम का व्याख्या ग्रन्थ। इसमें संस्कृत और प्राकृत, दोनों भाषाओं का उपयोग होता है। सावधानी, निगरानी स्पष्ट ग्राम-मण्डल (बहिर्विहारी साधु साध्वियों के लिए प्रतिवर्ष निर्धारित किया जाने वाला विहार-क्षेत्र) मैदान, विशाल आंगन भयंकर छद्स्थता, असर्वज्ञता छिड़कना ठाट-बाट आनन्द, ठाट-बाट चूक्या/चूकना चूड़िउतार चूरणी चोकसी चोक्कस चोखळो चोगान चोफाळा छउमथता छंटावै/छंटाना छकता छक्क ३६० / कालूयशोविलास-१

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