Book Title: Kaluyashovilas Part 01
Author(s): Tulsi Aacharya, Kanakprabhashreeji
Publisher: Aadarsh Sahitya Sangh

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Page 358
________________ अळगी अलवाणा अलवेश्वर अलूणो अवतंस (वतंस) अवली नंगे पैर प्रभु नमक रहित मुकुट पंक्ति अविहड़ अटूट असह्य आहार अतृप्त असराल असाण असुहित अस्तोक अहंताभास आउखै आउलो आंखमिचोणी आंटा-सांटा आंटो आखंडल आखड़ना आखतो आगी आण, आणा आणे-टाणे आतापन अधिक गर्व का आभास आयुष्य आकुल आंखमिचौनी का खेल, नजरंदाज करना टेढा-मेढा टेढ़ा, वक्र स्वभाववाला ठोकर खाना, टकराना हैरान, अधीर, अतिव्यग्र अग्नि आज्ञा विशेष अवसर पर तपस्या का एक प्रकार (खुले वदन गर्म पत्थर या रेत पर सोना) अर्थ, सम्पदा ऋषभ दुकान स्वत्व, अपनी सत्ता तीर्थंकर होने का प्रमाण अपने आप आथ आदिभान आपण आपो आप्त-सबूत आफणी ३५४ / कालूयशोविलास-१

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