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आत्मा और इन्द्रियों का
माध्यम है-मन
प्रवचनसार
आपको पैसे से जितना प्यार है, उतना प्रभु से नहीं, जिस दिन
आपका प्रभु से प्यार हो गया, फिर ये मन भटक नहीं सकता, गलत राह पर चल
नहीं सकता।
जिसने अपने मन को जीत लिया, समझो वो बादशाहों का भी
बादशाह हो गया।
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