Book Title: Kaise Kare Is Man Ko Kabu
Author(s): Amarmuni
Publisher: Guru Amar Jain Prakashan Samiti

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Page 60
________________ प्रस्ताव फिर आत्मा रूपी राष्ट्रपति के समक्ष प्रस्तुत कर देता है। अब ध्यान देने की बात यह है कि - आत्मा उस पर क्या प्रतिक्रिया करता है ?क्योंकि सारा कुछ उसी की कार्रवाई पर ही निर्भर करता है। यदि वह अपने विवेक से काम लेता है तो निर्णय ठीक होता है और यदि प्रधानमंत्री एवं मंत्रीमण्डल के दबाव में आ जाता है तो निर्णय ठीक होने की सम्भावना बहुत कम होती है क्योंकि इस मन और इन्द्रियों की गति अधिकतर पतन की ओर ज्यादा होती है। ऊपर की चर्चा से ये तो आपको स्पष्ट हो गया होगा कि - ये 'मन' आत्मा और इन्द्रियों को जोड़ने वाली बीच की कड़ी है और इन्द्रियाँ अक्सर मन के इशारे पर ही नाचती हैं। लेकिन मन की दो धाराएँ हैं- ये इन्द्रियों का बहुमत होने के कारण कई बार आत्मा को भी नचा देता है और जब आत्मा अपने स्वरूप में होती है तो इस मन को स्वयं नाचने पर भी मजबूर होना पड़ जाता है। * कहने का भाव ये हुआ कि - सर्वोच्च शक्ति तो आत्मा ही है क्योंकि जो मन है वो अपने आप में जड़ है। आत्मा की ऊर्जा के कारण ही इस मन में मनन शक्ति पैदा होती है। उसका चिन्तन-मनन शुभ भी हो सकता है और अशुभ भी। तो जैसा कि मैं ऊपर कह चुका हूँ शुभ अथवा अशुभ, अच्छा या बुरा वैसे तो मन और इन्द्रियों पर निर्भर

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