Book Title: Kaise Kare Is Man Ko Kabu
Author(s): Amarmuni
Publisher: Guru Amar Jain Prakashan Samiti

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Page 72
________________ पू. प्रवर्तक श्री अमर मुनि जी म. युवा मनीषी श्री वरूण मुनि जी म. 'अमर शिष्य' अध्यात्म साधना के क्षेत्र में अधिकतर साधकों की सबसे जटिल और मुख्य समस्या यदि कोई होती है तो वो है- 'मन की चंचलता को कैसे वश में किया जाए?' बस इसी प्रश्न का उत्तर प्रदान करती है-प्रस्तुत पुस्तक। जिसमें जैन धर्म दिवाकर अध्यात्म युग पुरूष प्रवर्तक प्रवर श्रद्धेय गुरूदेव श्री अमरमुनि जी महाराज साहब के मन से संबधित कुछ अमृत प्रवचनों का संकलन किया गया है। मुनि श्री ने जैन आगम, गीता, पुराण, उपनिषद् आदि विभिन्न धर्मग्रंथों की वाणी को बड़े हीसरल शब्दों के माध्यमसेव्यक्त किया है। और अमर गुरूदेव की उस अमरवाणी को जन-जन तक पहुंचाने का उपकार किया है प्रस्तुत पुस्तक के संपादक ललित लेखक श्री वरूण मुनि जी महाराज ने। उन्होंने मुख्य रूप से एक ही बात पर जोर दिया है और वह है-पुस्तक की भाषा शैली। पुस्तक पढ़ते हुए पाठकों को ऐसी अनुभूति होती है जैसे कि हम स्वयं गुरूदेव श्री के सम्मुख बैठे हों और वो बातचीत के रोचक ढंग से हमारी समस्याओं के समाधान की ओर अंगुलीथाम करहमें ले जारहेहों। प्रकाशक

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