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अटैक आदि बीमारियों से भी राहत मिलती है और टेंशन डिप्रेशन आदि भी दूर होते चले जाते हैं ।
2. सैल्फ गाइडेंस :- एकांत स्थान में ध्यान की अवस्था में बैठ जाएं और अपने आपको सकारात्मक सुझाव दें कि- मैं स्वस्थ हूं, मेरी चिंताएं समाप्त होती जा रही हैं, मेरी विल पावर यानि आत्म बल बढ़ रहा है। आप बहुत शीघ्र इसके सकारात्मक परिणाम पाएंगे। साईक्लॉजी, सारा मनोविज्ञान ही इसी पर टिका हुआ है। तो इसमें आप स्वयं को सुझाव दें, बार-बार सुझाव. दें।
3. ॐकार का गंजन : ये ठीक है कि ध्यान कोई क्रिया नहीं है लेकिन फिर भी ध्यान को साधने के लिए हमें पहले एसकी कुछ प्रक्रियाओं से गुजरना होता है। उन्हीं प्रक्रियाओं में से एक है- ओंकार के गुंजन की । कानों को बंद करके यदि इसे किया जाए तो इसका फल द्विगुणित हो जाता है। यह भ्रामरी प्राणायाम का ही रूप है ।
4. सद्ग्रन्थों का अध्ययन :- हमारे यहां एक शब्द प्रचलित है- शास्त्र । जो हमें शिक्षित बना दे तथा मन पर शासन करने की कला सिखा दे वास्तव में वही
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