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मन को नम
करदें
प्रवचन सार
बीज जब मिट्टी में अपनी हस्ती मिटा देता है तभी वो अनंत गुणा होकर पुष्पित-पल्लवित होता है। ऐसे ही आप भी समर्पित कर दो अपने आप को, फिर देखना जीवन में कैसे फूल खिलते हैं!
मन का बादशाह बनने के लिए हमें सद्गुरू का गुलाम बनना होगा उनके चरणों में अपने आपको समर्पित करना होगा।