Book Title: Kaise Kare Is Man Ko Kabu
Author(s): Amarmuni
Publisher: Guru Amar Jain Prakashan Samiti

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Page 20
________________ पानीकसमान है हमारायेमन प्रवचनसार इस मन का पानी के समान न तो अपना कोई रंग है न आकार। बस अच्छाईयों का रंग मिलाएंगे तो अच्छा बन जाएगा और बुराईयों का रंग डालेंगे तो ये बुरा बन जाएगा। धर्म स्थान से भी अधिक महत्व धर्म भावना का है। क्यूंकि - 'मन चंगा ते कटौती विच गंगा'

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