Book Title: Jambu Gun Ratnamala
Author(s): Jethmal Choradia
Publisher: Jain Dharmik Gyan Varddhani Sabha

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Page 7
________________ ॥ॐनमः सिद्धम् ॥ * श्री वीतरागाय नमः * ॥ श्री जम्बु गुण रत्नमाला॥ ॥ दोहा ॥ सासण पत वृद्धमाननो, भजनपूरपञ्चाण । अघवैरी नासे सही, तम तिम ऊगा भाण ॥१॥ गणधर मुधर्म स्वामीजी, पाटोधर गण गेह । जंबू पाटवी. तास, शिष्य, ज्येष्ठ कहायो तेह ॥ २॥ जंबू तंबू कर्म को, तोड तणा सनेह, कंदर्प चोब उखाल के, बाहिर निकन्यो तेह ॥३॥ वरद्यो घरणा स्वामिनी, महिर करी मुझ माय । वरणूं जंबू कथन हूं। प्रणमी सद् गुरु पाय ॥ ४ ॥ श्रवण करो श्रोता तुमे, छांड सकल परमाद । एक चित्त रस पीवतां, पांत सुधा गुण स्वाद ॥५॥

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