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सुषमा : जयणा ! तुम मेरी बात ठीक तरह से समझी नहीं। लड़की 20-20 साल तक पियर रहकर आती है। यह तो सभी को पता ही है कि बेटियाँ पराया धन होती है, और इसी के अनुसार माँ अपनी बेटी को संस्कार देती है। बेटी ससुराल जाएँगी ऐसा सोचकर माँ उसे घर-गृहस्थी का सारा काम सिखाती है। उसे कैसे रहना, कैसे बोलना सब कुछ सिखाती है। यानि कि लड़की पूरी तरह संस्कारित होकर ही ससुराल आती है तो फिर उसके पीछे वापस इतना समय बर्बाद क्यों करना। शुरुआत के छ: महिने दिव्या के साथ बिताकर तुम कितनी ही धर्माराधना नहीं कर पाई होगी। अपने कितने ही कार्यों को गौण किया होगा? अतः मेरा प्रश्न तो यही है कि जब बहू पियर से ही सब कुछ सीखकर आती है तो वापस अपनी सासु से वही सब सीखने की अपेक्षा क्यों रखती है? जयणा : नहीं सुषमा ! तुम जो सोच रही हो वैसा नहीं है। नई-नई बहू नए घर में आती है तब वह अंदर ही अंदर बहुत डरकर रहती है। एक तो नया वातावरण, नए लोग और उस पर गलती होने पर डाँटे जाने का, अपनी प्रेस्टिज कम होने का या फिर पियर का नाम खराब होने का भय। ऐसी स्थिति में सासु को प्रेम द्वारा उसे सहानुभूति देकर उसे अपना बनाना चाहिए। सुषमा, बहू चाहे तो खाना बनाने में कितनी भी होशियार क्यों न हो, ससुराल में आने के बाद उसके मन में इतना डर होता है कि वह कुछ न कुछ गड़बड़ कर ही बैठती है। या तो नमक ही नहीं डालती या फिर डबल डाल देती है। ऐसा होना स्वाभाविक है। . तुम अपने भूतकाल को ही देख लो। ससुराल आने पर तुम्हारी भी कुछ ऐसी ही दशा थी। ऐसे में काम तो उसे सब आता ही है यानि कि बहू को काम सिखाना यह सासु का कर्तव्य नहीं हैं। परंतु प्रेम देकर उसके भय को दूर कर अपनापन महसूस करवाना यह सासु का कर्तव्य है। इसके बदले तुमने उसे प्रेम देना तो दूर पर उसकी मेहंदी का रंग उड़ने से पहले ही सारे घर का भार उसके नाजुक कंधों पर डाल दिया। क्या तुमने उसे कभी प्रेम से बिठाकर पूछा कि, बेटा ! कहीं तुम्हें अपनी माँ की याद तो नहीं आती है ना? ऐसा पूछना तो दूर तुमने तो उसे अपनी मॉम से बात भी नहीं करने दी। अब तक तो वह अपने माता-पिता को भूली नहीं थी और तुमने तो हमेशा-हमेशा के लिए पियर से उसका संबंध तोड़ने की कोशिश की।
सुषमा ! माना कि उसने जिन्स पहना, लेकिन उसे इतनी तो शर्म थी कि वह तुम्हारे सामने पहनकर नहीं आई। तुम चाहती तो यही बात उसे प्रेम से समझा सकती थी। पर तुमने प्रेम देने के बदले उसे डाँटा और उसे नीचा दिखाने के लिए तुमने गलत राह अपनाई। अपनी बेटी डॉली का पक्ष लिया,