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. जीवों की जयणा के उपकरण 1. गरणा : पानी के छानने हेतु सुयोग्य कपड़ा। 2. सावरणी : घर का कचरा निकालने के लिए मुलायम स्पर्श वाली सावरणी (झाडू)। 3. पूंजणी : सुकोमल घास से बनायी हुई मुलायम स्पर्शवाली छोटी पीछी। 4. चरवला : सामायिक, प्रतिक्रमण में उठते-बैठते पूंजने प्रमार्जने के लिए जरुरी उपकरण। 5. मोरपीछी : मोर के पंखों को बांधकर बनाया हुआ उपकरण (पुस्तक, फोटों आदि को पूंजने का
उत्तम साधन) 6. छलनी : अनाज, आटा, मसाला आदि छानने हेतु अलग-अलग छलनी। 7. चंदरवा' : रसोई बनाते समय छत पर से कोई जीव जंतु न गिरे उस हेतु रसोई घर में ऊपर बांधने
का कपड़ा।
जीवों की जयणा की जड़ीबूटियाँ 1. मोर के पंख : मोर के पंख रखने से या हिलाने से साँप तथा छिपकली भाग जाते है। 2. काली मिर्च : केसर की डब्बी में काली मिर्च के दाने डालने से गीलेपन के कारण उसमें होती
जीवोत्पत्ति रुक जाती है। 3. डामर (केम्फर) : कपड़े पुस्तकों के बैग, अलमारी आदि में डामर की गोली रखने से जीवों की
उत्पत्ति नहीं होती। 4. पारा : अनाज में पारे की गोली डालने से अनाज़ सड़ता नहीं है। तथा जीवोत्पत्ति नहीं होती। 5. एरंडी का तेल : गेहूँ, चावल, मसाला आदि को यह तेल लगाने से जीव नहीं होते तथा उसकी गंध
से चींटियाँ दूर चली जाती है। 6. घोडावज : पुस्तकों की अलमारी में घोड़ावज रखने से जीवोत्पत्ति नहीं होती है। 7. तम्बाकू
:: कपड़े अथवा पुस्तकों की अलमारी में तम्बाकू के पत्ते रखने से जीवोत्पत्ति नहीं होती है। 8. चूना : उबाले हुए पानी में चूना डालने से वह पानी 72 घंटे तक अचित्त रहता है। चूना
पोतने से दीवारों पर जीव-जंतु जल्दी नहीं आते है।