Book Title: Jainism Course Part 03
Author(s): Maniprabhashreeji
Publisher: Adinath Rajendra Jain Shwetambara Pedhi

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Page 222
________________ है दा. त. ज्ञान प्राप्ति का एक प्रकार - वाचना 1. मैंने 11,80,645 मासक्षमण किये 2. मेरा पुत्र जिनशासन का चमकता सितारा बनेगा। यह किसने कहा था . 3. मुद्गर यक्ष का परम भक्त की पत्नी का नाम क्या था 4. एक साथ 20 मनुष्य कहाँ से मोक्ष में जा सकते हैं ................ 5. एक समुद्र का नाम. 6. मिनलदेवी के पुत्र का नाम . 7. वंदन करने का एक निमित्त .. ........................... 6. यशोविजयजी के गुरु का नाम ................ 9. क्या होने के बाद खाद्य पदार्थ अभक्ष्य हो जाते हैं ? .............. 10. दम्पति जीवन में समस्याओं का मुख्य कारण .............................. है। 11. गर्भपात की एक पद्धति ........................... है। 12. हमारा एक ही अभिषेक होता है ....... की मधुर ध्वनि से सब को अर्हानंद का अनुभव होता है। 14. प्रभु के कल्याणक के समय में विशिष्ट प्रकार का .. होता है। प्र.J सूत्र-अर्थ विभाग a) गाथा लिखें 6 Marks 1. बारह व्रत का वर्णन जिसमें आता है वह गाथा लिखें। 2. सकल श्री संघ से जिसमें क्षमा मांगी गई है वह गाथा लिखें। 3. पाँचवें व्रत के अतिचार का जिसमें वर्णन है वह गाथा लिखों। b) अर्थ लिखों 7 Marks 1. चरणसहिअहिं 2. निद्धंधसं 3. सुखदायिनी 4. सइ-अंतरद्धा 5. पडिग्गह 6. मोसुवओसे 7. तडिल्लय लंछिउ 8. खमावइत्ता

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