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● मोतीलाल माल,
हीरक जयन्ती स्मारिका
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उन्नति के शिखर पर आरोहण
श्री जैन विद्यालय अपना हीरक जयन्ती महोत्सव मना रहा है, यह मेरे लिए बड़ी प्रसन्नता की बात है। विद्यालय की स्थापना। या 2 विद्यार्थी एवं एक अध्यापक श्री बच्चनसिंहजी से 1934 में हुई थी। फिर जापान की लड़ाई के कारण विद्यालय कुछ समय के लिए बंद कर देना पड़ा। कुछ वर्षों बाद वापिस जमुनालाल बजाज स्ट्रीट के छोटे से मकान में प्रारम्भ किया गया। बाद में श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन सभा ने जिसके अन्तर्गत यह विद्यालय चल रहा है, सोचा कि यह स्थान अब छोटा पड़ता है तो सुकियस लेन की जमीन क्रय की गई एवं समाज के सदस्यों के अर्थ सहयोग से भवन निर्माण का कार्य शुरू किया गया, भवन की नींव श्री दीपचन्दजी कांकरिया के कर कमलों द्वारा लगाई गई।
1 अप्रैल, 1958 से अर्द्ध निर्मित भवन में ही माध्यमिक परीक्षा (हाई स्कूल) का पाठ्यक्रम प्रारम्भ कर दिया गया। तब से लगातार विद्यालय उन्नति के शिक्षर पर आरोहण कर रहा है।
सबसे बड़ी गौरव की बात तो यह है कि हमारे इस विद्यालय के छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों एवं व्यवस्थापकों का सौहार्दपूर्ण संबंध प्रारम्भ से लेकर अब तक कायम है। यहां आज तक कभी हड़ताल या प्रदर्शन वगैरह नहीं हुए।
इसके अलावा यहां हर तबके के छात्र शिक्षा प्राप्त करते हैं। छात्रों की भर्ती भेदभाव रहित की जाती है। विद्यालय में हिन्दू, सिख, मुसलमान, हरिजन, जैन आदि सब धर्मों के छात्र भेदभाव रहित शिक्षा प्राप्त करते हैं। छात्रों को धार्मिक शिक्षण भी दिया जाता है।
विद्यालय का परीक्षा फल भी सदैव गौरवपूर्ण रहा है तथा यहां से शिक्षा प्राप्त छात्र अच्छे-अच्छे व्यापारी, वकील, डाक्टर एवं प्रशासक हुए हैं तथा कई छात्र उच्च सरकारी पदों पर प्रतिष्ठित हैं।
मैं इस विद्यालय के कार्य संचालन से बहुत वर्षो तक संबंधित रहा हूं एवं मुझे पदाधिकारियों, अध्यापकगण एवं छात्रों से जो अगाध प्रेम एवं आदर प्राप्त हुआ है उसे मैं कभी भूल नहीं सकता हूं। मैं परम पिता परमात्मा से प्रार्थना करता हूं कि यह विद्यालय दिन दुनी रात चौगुनी उन्नति करता रहे।
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अहमदाबाद
विद्यालय खण्ड / १९
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