Book Title: Jain Bal Shiksha
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 13
________________ पढ़ना क्यों चाहिए ? ___आज मैं तुम्हें एक बहुत सुन्दर बात बताता हूँ। तुम अभी बच्चे हो, अपने हित और अहित की बात अच्छी तरह नहीं समझ सकते हो। पर सदा बच्चे ही तो नहीं रहोगे। तुम्हें अपने भविष्य को शानदार तथा सुखमय बनाने के लिए अभी से प्रयत्न करना चाहिए, अगर अभी से तुमने इस ओर ध्यान न दिया, तो तुम्हें आगे चलकर पछताना पड़ेगा। ___हाँ, तो अपने भविष्य को शानदार तथा सुखमय बनाने का क्या साधन है ? वह साधन और कुछ नहीं, अध्ययन है, पढ़ना है। भविष्य में यह व्यर्थ का लड़ना-झगड़ना, खाना-पीना, सुन्दर-सुन्दर वस्त्राभूषण, कुछ काम नहीं आयेंगे। भविष्य में तुम्हें कैसे सुख मिल सकेगा ? कैसे तुम्हें सम्मान मिल सकेगा ? उनका एक ही उपाय है—मन लगाकर अध्ययन कर लोगे, केवल वही काम आयेगा। न तब ये खेल-कूद, तमाशे काम आयेंगे, न सिनेमा और न दूसरी चीजें। तुम अभी पढ़ने का मूल्य नहीं समझते, इसलिए तुम्हारा पढ़ने को जी नहीं चाहता। परन्तु, जब तुम पढ़ने का मूल्य समझोगे, तब तुम्हें Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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