Book Title: Jain Bal Shiksha
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 67
________________ 23 भगवान् का भजन शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जैसे प्रतिदिन खाना, काम करना, भ्रमण करना आदि आवश्यक है, वैसे ही .मन को पवित्र तथा निर्मल रखने के लिए नित्य प्रति भगवान् का भजन करना अतीव आवश्यक है। - भगवान् का भजन करने से मन साफ होता है। मन साफ होने से उसमें अच्छे विचार पैदा होते हैं। अच्छे विचार पैदा होने से अच्छे काम होते हैं। अच्छे काम होने से संसार के अन्दर इज्जत मिलती है और साथ ही धर्म का लाभ होता है। भगवान् का भजन हमारी आत्मा को शुद्ध बनाता है। यह एक अटल नियम है, कि जो आदमी जैसा ध्यान करता है, वह वैसा ही बन जाता है। चोर का ध्यान करने से मनुष्य चोर बन जाता है और साहूकार का ध्यान करने से साहूकार। पापी का ध्यान आदमी को पापी बनाता है और धर्मात्मा का ध्यान धर्मात्मा। भगवान् का ध्यान भक्त को भगवान् बनाता है। मनुष्य के मन पर संकल्प का बड़ा प्रभाव पड़ता है। संसार में जितने भी छोटे-बड़े सभ्य मनुष्य हैं, वे प्राय: सभी भगवान् का नित्य भजन किया करते हैं। छोट-से-छोटे और बड़े-से बड़े प्रत्येक 62 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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