Book Title: Jain Bal Shiksha
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 32
________________ ( 27 ) हाथी और बन्दर दोनों ने उल्लू की सेवा में तीन आम उपस्थित कर दिये। उल्लू ने कहा- "तुम ये आम कैसे लाए, मुझे बताओ ?' हाथी और बन्दर ने सब बात सच-सच कह दी। उल्लू ने कहा- "बस, फैसला हो गया। तुम ही बताओ, दोनों में कौन बड़ा है। क्यों बन्दरजी; तुम अकेले नदी पार कर जाते और क्यों हाथीजी, तुम अकेले ऊँची टहनी से आम तोड़ कर ले आते ? बस, दोनों अपने-अपने काम में बढ़े-चढ़े हो। कोई छोटा नहीं और कोई बड़ा नहीं। अच्छा जाओ फिर कभी इस तरह मत झगड़ना।'' __ बच्चो, तुम्हें बड़प्पन का अभिमान नहीं करना चाहिए। संसार में कोई बड़ा-छोटा नहीं है। सब अपने-अपने कामों में बड़े हैं। संसार का काम मिलजुल कर ही चलता है। इसलिए तुम कभी अहंकार न करो। सबसे प्रेम के साथ मिलकर रहो। ___भगवान् महावीर का उपदेश है— “जो अहंकार को जीतता है, वह सम्पूर्ण विश्व को जीतता है।" अभ्यास 1. बन्दर और हाथी में झगड़ा क्या था ? 2. उल्लू ने कैसे फैसला किया ? 3. कौन बड़ा और कौन छोटा है ? 4. इस कहानी से क्या शिक्षा मिलती है ? Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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