Book Title: Jain Bal Shiksha
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 34
________________ ( 29 ) किसी काम के कारण. तुम्हारी कक्षा का कोई लड़का स्कूल न आ सका हो और वह तुमसे पूछे कि आज कौन-सा पाठ पढ़ा है, और किस तरह पढ़ा है, तो तुम्हें उसको वह पाठ बता देना चाहिए । कोई बच्चा या बूढ़ा रास्ता भूल गया हो और तुम्हें उसका घर या मुहल्ला मालूम हो, तो तुम्हें उसे ठीक-ठीक रास्ता बता देना चाहिए। किसी गरीब बालक के पास पुस्तक न हो, और वह पुस्तक तुम्हारे पास, अगली कक्षा में चले जाने के कारण, निकम्मी पड़ी हुई हो, तो वह उसे उपयोग करने के लिए दे देनी चाहिए। तुम्हारे पड़ोस में कोई अन्धा, लूला, लंगड़ा, बीमार दुःखी मनुष्य हो, अथवा कोई स्त्री हो, और वह तुम्हें किसी समय कोई ऐसा काम कर देने को कहे, जिसे तुम कर सकते हो, तो तुम्हें वह काम प्रसन्नता से कर देना चाहिए। असहाय की सेवा करना परम धर्म है। कोई भूखों मरता कुत्ता तुम्हें दीख पड़े, तो अपनी माँ से कहकर रोटी का टुकड़ा उसे डालना चाहिए। भूखा कुत्ता रोटी पाकर कितना सन्न होता है, यह तुम उसे दुम हिलाते हुए देखकर जान सकते हो। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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