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सूर्य के प्रकाश क्षेत्र का परिमाण, चन्द्रादि का शीघ्र गति विषयक निर्णय, ज्योत्स्ना लक्ष्य आदि का वर्णन है। इनमें से पहले प्राभृत में आठ व दूसरे और दसवे में बाईस उप प्राभृत हैं । आगे की वृत्ति में इन्हीं सब प्राभृतों एवं उपप्राभृतों का विशद वर्णन है, जो खगोल शास्त्रियों के लिए विशेष उपयोगी एवं उपादेय है।
जंबूद्वीप प्रज्ञप्ति- इसकी चूर्णि तथा संस्कृत और लोकभाषा में टीकाएँ लिखी गई है । चूर्णि एवं मलयगिरि कृत संस्कृत टीका अनुपलब्ध है तथा लोक भाषा टीका अप्रकाशित है। इनके अतिरिक्त हीरविजय सूरि ने संवत १६३९ में, पुण्य सागर ने संवत १६४५ में और शांति चन्द्र गणि ने संवत १६६० में टीकाएँ लिखी हैं। लेकिन वे अभी तक देखने में नहीं आयी है । श्रीमद् विजय राजेन्द्रसूरिजी महाराज ने जंबूद्वीप बीजक (सूची) तैयार किया है, पर वह अभी तक अमुद्रित है।
चन्द्र प्रज्ञप्ति- इस पर आचार्य मलयगिरि ने संस्कृत टीका लिखी है, जिसका ग्रंथमान ९५०० श्लोक प्रमाण है । वह अभी तक अप्रकाशित होने से यहाँ वर्ण्य विषय का संकेत नहीं किया है। .
निरयावलिका, कल्पावतंसिका, पुष्पिका, पुष्पचूला और वृष्णिदशा इन पाँच उपांगों पर श्री चन्द्रसूरि ने संस्कृत टीका लिखी है । इस टीका के अतिरिक्त इन सूत्रों की और कोई टीका नहीं है । टीका संक्षिप्त एवं शब्दार्थ प्रधान है। प्रारंभ में आचार्य ने भगवान पार्श्वनाथ को प्रणाम किया है । टीका के अन्त में रचयिता के नाम, गुरु, लेखन समय, स्थान आदि का उल्लेख नहीं है । मुद्रित प्रति के अन्त में श्री चन्द्र सूरि के नाम का उल्लेख है । टीका का ग्रंथमान ६०० श्लोक प्रमाण है। - श्री चन्द्रसूरि का दूसरा नाम पार्श्वदेव गणि है । ये शीलभद्र सूरि के शिष्य थे। इन्होंने विक्रम संवत ११७४ में निशीथ सूत्र की विशेष चूर्णि के बीसवें उद्देश्य की व्याख्या की है । इसके अतिरिक्त निम्न ग्रंथों पर भी इनकी टीकाएँ है- श्रमणोपासक, प्रतिक्रमण (आवश्यक), नंदी, जीतकल्प बृहच्चूर्णि, निरयावलिका और अंतिम पाँच उपांग।
मुनिधर्म सिंह ने इन पाँचों उपांगों की लोकभाषा टीका लिखी है, लेकिन . अप्रकाशित है।
व्यवहार सूत्र-इस सूत्र में साध्वाचार के नियमों का वर्णन है । अत: श्रमणाचार का सरल, सुबोध शैली में विवेचन करने एवं ग्रंथगत आशय को स्पष्ट करने के लिए अनेक आचार्यों ने युगानुकूल अपनी-अपनी रचना पद्धतियों में व्याख्या ग्रंथ लिखे
सर्व प्रथम आचार्य भद्रबाहु द्वितीय ने सूत्र के आशय को स्पष्ट करने के लिए
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