Book Title: Dharm Sangrahani Part 02
Author(s): Ajitshekharsuri
Publisher: Adinath Jain Shwetambar Jain Mandir Trust

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Page 19
________________ निद्दा निद्दानिद्दा नियमा पाणिवहातो निरवज्जेण विहिणा निस्संगतावि हिंसा. नीलक्खण जणगातो नीलत्ते सामने पंचविहावरणखयो पगतं वोच्छामि पगरिसगुणो य पच्चक्खमाइएहिं पच्चक्खणिवित्तीए पच्चासत्ती य डिमादिसु दिदुमिदं पडिसेवणेवि तस्सा पडिसिद्धो य तओ जं पडिसेहगं च माणं पडिवक्खभावणाओ पडिसेहगे पमाणे पडिसेहगंपि माणं पढमं नाणावरणं पढमं पंचविगप्पं पत्तम्मि वि एते पत्तुस्सठितीणं पत्तेयं साहारण. पत्तेयमवयवेसुं पयईए व कम्माणं पयईए सावज परमाणवो ण परवंचणादि जोगा परवंचणादि जोगो परिगप्पिता तु परिजुण्णमप्यमुल्लं परिणामविसेसेणं परिणामविसेसातो परिणामविसेसोवि परिणामविसेसातो परिणीता तत्थेक्का परिमियसामत्थो पल्ले महइमहल्ले पल्ले महइमहल्ले पल्ले महइमहल्ले पवणदरवियलिएहिं पाएण पुव्वसेवा पाणाइवात विरमण पाणिवहोवि य नियमा पाणुज्झणे हि हिंसा पामन्नपि सतो पामागहितस्स जहा पावइ बंधाभावो ६१० 29 पावति तस्साभावो ९६६ 185 पासंतो वि ण जाणइ ९९४ 194 पासवणाईण तहा ११०० 236 पासवणादीण जहा ७०५ 73 पुढवीखणणे काया ७०३ 72 पुत्तस्स नो भविस्सइ गाथाङ्क पृष्ठ पुरिसं तस्सुवयारं ८१५ 122 पुरिसत्तंपि असिद्धं . ७८८ 110 पुट्विं जमुवत्तं ७७६ 104: पेरइ तओ किं ११५३ 253 पेरेति हिए एवं १२९४ 310 ७१२ 76 फासुगमवि असणादि ६३५ 44 ९७१ 187 बंधड़ जहेव कम्मं - ९८२ 191 बज्झत्थाभावातो ११६२ 256 ___ बज्झत्थाभावातो भत्ती ११६४ 257 बज्झत्थे विन्नाणं १२७१ 300 बज्झत्थो परमाणू १३०७ 314 बज्झसहकारि ६०७ 27 बहुविग्यो जियलोओ घो ६०९ 29 बिंब पडिच्छाया १०२० 205 बुडइ जलि मुक्को ७७९ 105 बुद्धादिचित्तमेत्तं ६२० 36 बुद्धो पारमियाफल बोहपरिणामलक्षण ८०८ 119 ९९२ 194 भणितं पण्णसीए ६३८ 45 भणियं च सग्ग. ६०१ 25 भण्णइ अस्थित्तं ६०२ 25 भण्णइ विहिसिट्ठा ६९९ 71 भण्णति जहोहिणाणी १०४१ 213 भण्णति ण एस ५७७ 15 भण्णति भिन्नमुहत्तो. ७६६ 100 भरहस्स तत्थ ८७० 150 भारवहणंपि ८६९ 150 ___भावस्स य हेतुत्ते १३८९ 346 भावाण तहाभावेण १२१९ 281 ___ भावियजिणवयणाणं ७५६ 96 ___ भावेइ य दोसाणं ___ भावे वि न तुच्छंमि ७५८ 96 भावोवलंभओ ८२२ 126 भासा असच्चमोसा ७९१ 111 भिक्खाडणेऽवि ८५७ 145 भित्रिंदियावसेओ ९७९ 190 भिन्नम्मि तम्मि १०८२ 229 भेदाभेदो य १२५९ 296 भेदे कहमेगं ९६८ 186 भोत्ता सकडफलस्स ७६० 97 १३१९ 318 मंसनिवत्तिं काउं १३४६ 332 मंसासुइरसणाणे वि ९६२ 184 मणपज्जवनाणं ९८४ 191 मणपुश्विगा विवक्खा १०८४ 230 मतिपूव्वं जेण सुयं ११८४ 265 मन्नति तमेव सच्चं ९९५ 195 माणं किमेत्थ १२७८ 303 माणे इमीएऽभावो ६०० 25 मिडपिंडो चेव ५९० 20 मिच्छत्तमाइयाणं ५९५ 22 मिच्छत्तमादिस्वं गाथाङ्क पृष्ठ मिच्छत्तं जमुदिनं १०६५. 223 मिच्छत्ते अन्नाणे गाथाङ्क पृष्ठ मुच्छाभयाविहारा ११७७ 262 - मुणइ य घडम्मि ६३६ 45 मुत्तेणामुत्तिमतो ७४२ 91 मुत्तेणामुत्तिमओ ६६५ 58 मुत्तेणं वभिचारो । ६३७ 45 मूलाओ साहाओ ' ५८६ 19 मोक्खोऽसंखेज्जातो ९२३ 170 मोत्तूण इंदिए जं १३२६ 323 मोत्तण वत्थमेत्तं ८६३ 147 मोहग्गिसंपलित्तं ६७२ 60 मोहग्गिसंपलितं ९८८ 192 १२०६ 277 रज्जुम्मि सप्पनाणं गाथाङ्क पृष्ठ रज्जुम्मि सप्पनाणं १३५१ 334 रयणतिगं इह १२४१ 290 रयणादिविसेसकतो ९१५ 167 रयहरणम्मि पमज्जण ९३६ 174 रयहरणम्मि वि १३५५ 335 रयहरणादिसमेतं १३४९ 333 रहिया य सेसजीवा १३४१ 330 रागादिजोग्गता १००८ 200 रागादिणमभावा १०४८ 216 रागादिदूसियमणो ५६३ 8 रागादिमं न याणति ९२४ 171 रागादिवेदणिजस्स ११०६ 237 रागादिविरहतो ११६८ 258 रागो दोसो मोहो ७३० 87 राढा मुच्छा य भयं ७२८ 86 राती भोयणविरती ८९१ 158 स्टा इतरी ऊढा १०८० 228 स्वपि संकिलेसो रु ११४७ 251 रूवादि संगतो ७५४ 95 ६८२ 64 लज्जड जमित्थि ६८० 63 लद्धादिनिमित्तं जं ५८१ 18 लोगम्मि य परिवादं गाथाङ्क पृष्ठ लोगम्मि य परिवाद ९९१ 193 १२३६ 288 ८२६ 130 १२८८ 307 ८५३ 144 ८१२ 121 ७४० १० ६८९ 67 ५५८ 6 ५७० 12 ५७१ 12 ७९७ 114 १०७४ 226 १०४७ 215 १३२२ 320 ६२४ 39 ६२५ 39 ५५४ 4 ११२२ 242 ७६१ 97 १२०९ 278 १०३७ 211 ९५८ 183 ९७० 186 गाथाङ्क पृष्ठ ६६४ 57 ७२० 83 ९८७ 192 १२५० 293 १०२१ 205 ११०२ 236 ११०७ 238 १११४ 240 १२९० 307 १३७७ 342 १०५९ 220 १२५४ 295 ११९८ 273 १३८० 343 १३७८ 343 १०१८ 204 ११३५ 247 १३९० 346 ११७० 259 ७१५ 79 गाथाङ्क पृष्ठ .१०५५ 218 - ११४२ 250 ९३३ 173 ९५४ 182

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