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विषय-सूची ?.
नं० १
विपन अनुक्रमणिका
पत्र नम्बर प्रायमा
१-२' : श्रीमान महामान्य महोदय वाईसराय हिंदका पत्र ३
४ . , ५ अखिल भारत वर्षीय दि० जैन महासभा का
माननीय पत्र .. . .. . .६
जैन राज धर्म तथा उसकी प्राचीनता . ७-2 ७ . श्री ऋषभ निर्माण ७६ अङ्कप्रमाण संयंत मय .. शङ्काओं और उत्तर
... . -२५ ८. देव.स्वरूप मय दर्शन स्तोत्र
.
.. २६-३५ ९ ... ४ श्रासादना दोप
। संसारीख दुख (मोहरस स्वरूप). ३९-४२.. ११ पूजादि अधिकार व जोनियों को ४ जातें '४२-४३ १२. 'कुछ जैन जातियों का इतिहास ४४१३ - श्री गुरु का स्वरूप. . . . . .. ४९.५२.
जैन धर्म पर अजैन विद्वानों को सम्मतियाँ ५३-६४ जैन सिद्धांत . : . .. ६४-६५
जैन धर्म पर श्रीन विद्वानों को पुनः सम्मतिया ६६.-७५ १७ “धर्म स्वरूप :
७५-७६ १६ दीप मालिका (दिवाली). . ७९-८० १९ . .धर्म परीक्षा -... :
२० २०. . व्रतों का स्वरूप.....:. : .:'. २१ चार आराधना (श्रीमान पद्मावति, आध्यापक श्री ,
संहहत पाठशाला कोमा राज भरतपुर मत) २६ २२ : राजा मधुको मुनि अवस्था अंत समय (. भी . ... - पद्मपुराण [जैन दामायण] से उधृत): 20 .