Book Title: Dharm Deshna Author(s): Vijaydharmsuri Publisher: Yashovijay Jain Granthmala View full book textPage 6
________________ अनुक्रमणिका / प्रकरण पहला। ( 1 से 166 ) - विषय पृष्ठ विषय 1 उपक्रम 2 क्रोध का स्वरूप 49 1 नय का स्वरूप 3 क्रोध के जीतने के साधन. 57 2 निक्षेप का स्वरूप 4 मान का स्वरूप 68 3 प्रमाण का स्वरूप 10 5 मानका जय करने का उपाय७१ 4 सप्तभंगी का स्वरूप 6 बाहुबली का दृष्टान्त 86 5 स्याद्वाद का स्वरूप 7 माया का स्वरूप 99 6 देशना के भेद 21 8 मायाको जीतनेके उपाय 122 7 तीर्थंकरों का संक्षिप्त चरित्र 23 9 लोम का स्वरूप 133 10 कपिल केवलीका दृष्टान्त 148 2 देशना का स्वरूप 26 / 11 लोभ का नय करने का 1 प्रमु की देशना 47 उपाय 159 प्रकरण दूसरा। ( 167 से 356) 1 उपक्रम 167 1 वैराग्य 171 2 विविध बोध 171 / 2 कर्मका प्राधान्य 175Page Navigation
1 ... 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 ... 578