Book Title: Dhanyakumar Charitra
Author(s): Jayanandvijay, Premlata Surana,
Publisher: Guru Ramchandra Prakashan Samiti

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Page 8
________________ 118 312 0अनुक्रमणिका क्र. विवरण पृष्ठ क्र. | क्र. विवरण पृष्ठ क्र. १. मंगलाचरण - प्रथम पल्लव । ४०. अभय द्वारा उज्जयनी में मोदक परीक्षा 228 २. गुणसागर श्रेष्ठी कथा ४१. उदयन का अपहरण कर उज्जयनी लाना 230 ३. विश्वभूति ब्राह्मण की कथा ४२. अभय ने गज वश करने का उपाय बताया 234 ४. धन्य चरित्र प्रारंभ ४३. उदयन द्वारा वासवदत्ता का अपहरण 236 ५. मुनि यामल की कथा ४४. अभय द्वारा अग्नि एवं अशिव शमन का उपाय बताना 238 ६. द्वितीय पल्लव ४५. अभय द्वारा वरदान मांगना, अभय की प्रतिज्ञा 239 ७. पंकप्रिय की कथा ४६. अभय का राजगृही आना 240 ८. तृतीय पल्लव ४७. अभय का सार्थवाह बनकर उज्जयनी आना 244 ९. रुद्राचार्य की कथा ४८. चंडप्रद्योत को बांधकर लाना 263 १०. चतुर्थ पल्लव ४९. चंडप्रद्योत का राजगृही में प्रवेश 266 ११. सुनंदा रुपसेन कथा ५०. चंडप्रद्योत का उज्जयनी आना 270 १२. पांचवाँ पल्लव ५१. कौशांबी में धनसार का निर्धन होना 271 १३. कुसुमश्री से शादी 120 ५२. धान्य बेचते भाईयों को देखना 274 १४. अभय से धर्म छल ५३. देव द्वारा भाइयों को प्रतिबोध 277 १५. सोम श्री से शादी 130 | ५४. श्री धर्मघोषसूरिजी की देशना 278 १६. शालिभद्र की कथा ५५. धनदत्त, केरल, सचिवोद, श्रीदेव, १७. गोभद्र से आंख मांगना 133 भोगदेव आदि की कथा 280 १८. धन्य का न्याय सुभद्रा से शादी 135 ५६. धन्य आदि के पूर्वभव १९. गोभद्र की दीक्षा नव्वाणुं पेटी 136 ५७. धनसार की परिवार सह दीक्षा 319 २०. छहा पल्लव ५८. नवम पल्लव 319 २१. कोशांबी में मणि परीक्षा 140 ५९. रत्न कंबल के व्यापारी 319 २२. धनसार परिवार का मिट्टी खोदना 145 ६०. चेल्लणा का रत्न कंबल मांगना २३. परिवार को घर लाना 156 ६१. श्रेणिक का शालिभद्र के घर आना 330 २४. सातवाँ पल्लव 169 ६२. शालिभद्र का वैराग्य 337 २५. लक्ष्मी पुर आना ६३. श्री वीर विभु की देशना 338 २६. गीतकला से शादी 172 ६४. धर्मदत्त की कथा 340 २७. सरस्वती से शादी 174 ६५. यशोधवल की राज सभा में धर्मदत्त 342 २८. पत्रमल्ल सेठ की कथा को स्वर्ण पुरुष मिलने का वर्णन २९. धन्य का न्याय ६६. धर्मदत्त का धन कमाकर घर आना 380 ३०. लक्ष्मीवती से शादी ६७. यशोधवल की दीक्षा चंद्रधवल राजा ३१. धनकर्मा की कथा ६८. धर्मदत्त चंद्रधवल के पूर्वभव 387 ३२. मागध की याचना 180 ६९. मुनिभगवंतों को मोदक बहोराना 391 ३३. धनकर्मा का रुप लेना 183 ७०. वीरधवल का वृत्तांत 397 ३४. लक्ष्मी सरस्वती का संवाद 185 ७१. शालिभद्र का आज्ञा मांगना 403 ३५. व्याघ्र, वानर, सर्प, सुनार की कथा 205 | ७२. सुभद्रा के आंसु - धन्य का दीक्षा निर्णय 407 ३६. असली धनकर्मा का आना-विवाद 218 | ७३. धन्य शालिभद्र आदि की दीक्षा 413 ३७. धन्य का विवाद मिटाना 223 ७४. शालिभद्र की पूर्व भव की माता से पारणा 416 ३८. गुणमालिनी से विवाह 225 ७५. अनुत्तर विमान में जाना 416 ३९. आठवाँ पल्लव ७६. दोनों के अनुत्तर कार्यों का वर्णन 422 323 170 174 179 1801 381 180 226

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