Book Title: Chale Man ke Par Author(s): Chandraprabhsagar Publisher: Jityasha Foundation View full book textPage 7
________________ चरैवेति-चरैवेति ॐ : मंत्रों का मंत्र १६. १७. १८. सार्वभौम है ॐ १९. ध्यान : स्वयं के आर-पार ध्यान : संकल्प और निष्ठा की पराकाष्ठा २०. २१. समाधि का प्रवेश-द्वार २२. समाधि के चरण : एकान्त, मौन और ध्यान २३. ध्यान : प्रकृति और प्रयोग २४. २५. श्वांस -संयम से ब्रह्म-विहार २६. षट् चक्रों में निर्भय विचरण २७. तुर्या : भेद - विज्ञान की पराकाष्ठा २८. चलें, बन्धन के पार २९. करें, चैतन्य - दर्शन ३०. अन्तिम चरण - पूर्ण मुक्ति ध्यान से सधती शान्ति, शक्ति, समाधि Jain Education International For Personal & Private Use Only १३० १३८ १४५ १५२ १५८ १६४ १७५ १८४ १९३ २०१ २१० २२० २२८ २३३ २३९ www.jainelibrary.orgPage Navigation
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