Book Title: Bharat ka Bhavishya
Author(s): Osho Rajnish
Publisher: Osho Rajnish

View full book text
Previous | Next

Page 118
________________ भारत का भविष्य है? अस्सी साल का आदमी अगर बाईस साल की लड़की से शादी करता है तो अपने नाती-पोतों से काम्पिटीटर है वह। इसके प्रॉब्लमस खड़े होंगे, इसकी झंझट खड़ी होगी। और जो स्ट्रक्चर था, जो व्यवस्था थी, उसमें आमूल रूपांतरण करने होंगे आपको। अस्सी साल का बाप अगर शादी करने जा रहा है तो क्या वह बीस साल के अपने लड़के से कह सकता है कि ब्रह्मचर्य का कोई मूल्य है? किस मुंह से? उलटी हालत भी हो सकती है कि बीस साल का लड़का अपने बाप को थोड़ा समझाए कि थोड़ा तो कुछ ध्यान रखो। तो होता क्या है कि जब हम संस्था में, व्यवस्था में कोई भी अंतर कर लेते हैं तो तकलीफ खडी होती है कि वह जो व्यक्ति है वह तो वही का वही रह जाता है। ऐसा नहीं कि बर्टेड रसल ऐसा कर रहा है। जो लोग भी सौ साल की उम्र तक जी सकते हैं, वे लोग अस्सी साल में शादी कर सकते हैं। कोई अड़चन तो नहीं है, कोई कारण तो नहीं है। तो अभी अमेरिका में उनको वृद्धों के लिए कैंप्स बनाने पड़ रहे हैं। जिसको हम कभी नहीं सोच सकते थे। जिसमें बूढ़े और वृद्धों को रखना। और उन्होंने ठीक प्रेम और रोमांस की कथा शुरू...। अब वे बूढ़े और बुढ़िया जो हैं वे सब अपना प्रेम बसा रहे हैं। और उनके सब लड़के-बच्चे, उनके बच्चे वे सब अपने घर बसा रहे हैं। ये बूढ़े और बुढ़िया जो हैं ये फिर अपने रोमांटिक...। क्योंकि इनको घर बिठाना अब खतरनाक है। अब इनके कैंप अलग ही होने चाहिए। जहां कम से कम ये अपने समवयस्क लोगों के बीच फिर से प्रेम का सिलसिला शुरू कर दें। आदमी को बिना बदले, व्यक्ति को बिना बदले आप जो भी करेंगे आप नये प्रश्न खड़े कर सकते हैं बस। तो थोड़ी देर राहत हो सकती है कि पुराने प्रश्न समाप्त हुए। अब यह सच बात यह है कि अगर बाप साठ-सत्तर साल में मर जाए, तो परिवार में उसको प्रेम मिलता रह सकता है थोड़ा-बहुत। क्योंकि उसकी ठीक दुसरी पीढी. उसके बेटे ताकत में होते हैं। उसका बेटा होता है कोई सैंतालीस साल का, पचास साल का वह अभी ताकत में होता है। सत्तर साल के बूढ़े को अभी वह फिक्र करेगा। अगर बूढ़ा नब्बे साल का हो जाए तो उसके बेटे सत्तर साल, अस्सी साल के हो जाएंगे। वे ताकत के बाहर हो जाएंगे, बेटों के बेटे ताकत में आ जाएंगे। जिनसे अब इस तीसरी पीढ़ी का कोई लेना-देना नहीं, सीधा संबंध नहीं। अब यह बूढ़ा घर पर एक फिजूल का बोझ है, इसको हटाओ यहां से, इसका कोई उपयोग नहीं, इसको हटाना चाहिए। और अगर चौथी पीढ़ी ताकत में आ जाए तो आपको चौथी पीढ़ी का तो नाम भी याद नहीं रहता। आपको अपने दादा तक का नाम याद रहता है। दादा के बाप का तो आपको नाम भी याद नहीं है। अगर वह बूढ़ा जिंदा हो जिसका आपको नाम तक याद नहीं रहा, तो आपका उससे कोई संबंध होने वाला है। कोई संबंध नहीं हो सकता। तो या तो आपके इस संबंध की और प्रेम की क्षमता इतनी बढ़ गई हो कि इतनी दूर तक पार कर सकें। तो उस बूढ़े का जिंदा रहना ठीक है। नहीं तो वह बूढ़ा अच्छा है कि जा चुका हो। क्योंकि वह अपने ही सामने अपनी ही पीढ़ियों को देखे जिनको उसकी कोई चिंता ही नहीं है, कोई उनको देखने वाला भी नहीं है। यह बहुत कष्टपूर्ण है, यह बहत दुखद है। सारी कठिनाई क्या खड़ी होती है. अब जैसे कि चिकित्सा ने फिक्र की आदमी की कि Page 118 of 197 http://www.oshoworld.com

Loading...

Page Navigation
1 ... 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197