Book Title: Bhagwati Sutram
Author(s): N V Vaidya
Publisher: Godiji Jain Temple and Charities

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Page 27
________________ 2T: पन्नरसमं सयं जाव पडिरूवा। से णं तत्थ देवे उववज्जइ ७। से णं तत्थ दस सागरोचमाई दिव्वाई भोग... जाव चइत्ता सत्तमे सन्निगन्भे जीवे पच्चायाइ ७ । से णं तत्थ नवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अद्धट्ठमाण नाव वीइक्वंताणं सुकुमालगभद्दलए मिउकुंडलकुंचियकेसए मट्टगंडतलकण्णपीढए देवाकुमारसप्पभए दारए पयायइ। से णं अहं कासवा। तए 5 णं अहं आउसो कासवा, कोमारियपव्वज्जाए कोमारएणं बंभचेरवासेणं अविद्धकण्णए चेव संखाणं पडिलभामि, २ इमे सत्त पउपरिहारे परिहरामि। तं जहा-१ एणेज्जस्स, २ मल्लरामस्स, ३ मंडियस्स, ४ रोहस्स, ५ भारद्दायरस, ६ अज्जुणगस्स गोयमपुत्तस्स, ७ गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स । तत्थ णं जे से पढमे पउपरिहारे से गं 10 रायगिहस्स नयरस्स बहिया मंडिकुच्छिास चेइयंसि उदाइस्स कुंडियायणरस सरीरं विप्पजहामि, २ एणेज्जगस्स सरीरगं अणुप्पविसामि, २ बावीसं वासाइं पढम पउपरिहारं परिहरामि । तत्थ णं जे से दोच्चे पउपरिहारे से णं उदंडपुरस्स नयरस्स बहिया चंदोयरणंसि चेइयंसि एणेज्जगस्स सरीरगं विप्पजहामि, २ मल्लरामस्स सरीरगं 15 अणुप्पविसामि, २ एगवीसं वासाई दोच्चं पउट्टपरिहारं परिहरामि। तत्थ णं जे से तच्चे पउपरिहारे से णं चंपाए नयरीए बहिया अंगमंदिरांमि चेइयसि मल्लरामस्स सरीरगं विप्पजहामि, २ मंडियस्स सरीरगं अणुप्पविसामि, २वीसं वासाई तच्चं पउट्टपरिहारं परिहरामि। तत्थ णं जे से चउत्थे पउट्टपरिहारे से ण वाणारसीए नयरीए बहिया 20, काममहावणंसि चेइयंसि मंडियस्स सरीरगं विप्पजहामि, २ रोहस्स सरीरगं अणुप्पविसामि, २ एगूणवीसं वासाई चउत्थं पउपरिहारं परिहरामि। तत्थ णं जे से पंचमे पउपट्टपरिहारे से णं आलभियाए नयरीए बहिया पत्तकालगयंसि चेइयंसि रोहस्स सरीरगं विप्पजहामि, १ भारद्दायस्स सरीरगं अणुप्पविसामि, २ अट्ठारस वासाई पंचमं 23.

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