Book Title: Bhagwati Sutram
Author(s): N V Vaidya
Publisher: Godiji Jain Temple and Charities
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श्रीमद्भगवतीसूत्रम् विमलवाहणे णं राया सुमंगलेणं अणगारेणं सहए जाव भासरसिाकए समाणे अहेसत्तमाए पुढवीए उक्कोसकालट्टिइयंसि नरयंसि नेरइयत्ताए उववजिहिइ। से णं तओ अणंतरं उव्वट्टित्ता मच्छेसु उववज्जिहिइ । से णं तत्थ सत्थवज्झे दाहवक्कंतीए कालमासे कालं किच्चा दोच्चं 5पि अहेसत्तमाए पुढवीए उक्कोसकालट्टिइयंसि नरगंसि नेरइयत्ताए उववज्जिहिइ । से णं तओ अणंतरं उव्वट्टित्ता दोच्चं पि मच्छेसु उववज्जिहिइ। तत्थ विणं सत्थवज्झे जाव किच्चा छट्ठीए तमाए पुढवीए उक्कोसकालट्ठिश्यंसि नरगंसि नेरइयत्ताए उववज्जिहिइ।
से णं तओहिंतो जाव उच्चट्टित्ता इत्थियासु उववज्जिहिइ । 10 तत्थ वि णं सत्थवज्झे दाह जाव दोच्चं पि छट्ठीए तमाए पुढवीए
उक्कोसकाल जाव उच्चट्टित्ता दोच्चं पि इत्थियासु उववज्जिहिइ । तत्थ वि णं सत्थवज्झे जाव किच्चा पंचमाए धूमप्पभाए पुढवीए उक्कोसकाल जाव उध्वट्टित्ता उरएसु उववज्जिहिइ । तत्थ वि णं
सत्थवज्झे जाव किच्चा दोच्चं पि पंचमाए जाव उध्वट्टित्ता दोच्च 15पि उरएसु उववज्जिहिइ जाव किच्चा चउत्थीए पंकप्पभाए पुढवीए
उक्कोसकालट्ठिइयंसि जाव उज्वट्टित्ता सीहेसु उववज्जिहिइ । तत्थ वि णं सत्थवज्झे तहेव जाव किच्चा दोच्चं पि चउत्थीए पंक जाव उन्वाट्टत्ता दोच्चं पि सीहेसु उववज्जिहिइ जाव किच्चा तच्चाए वालुयप्पभाए पुढवीए उक्कोसकाल जाव उध्वट्टित्ता पक्खीसु उव20वज्जिहिइ। तत्थ विणं सत्थवज्झे जाव किच्चा दोच्चं पि तच्चाए वालुय जाव उध्वट्टित्ता दोच्चं पि पक्खीसु उववज्जिहिइ जाव किच्चा दोच्चाए सकरप्पभाए जाव उम्वट्टित्ता सिरीसवेसु उववज्जिहिइ । तत्थ वि णं सत्थ जाव किच्चा दोच्चं पि दोच्चाए सक्करप्पभाए जाव उन्वट्टित्ता दोच्चं पि सिरीसवेसु उववज्जिहिइ जाव किच्चा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए उक्कोसकालट्टियंसि नरगंसि नेरइयत्ताए उव

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