Book Title: Bhagwati Sutram
Author(s): N V Vaidya
Publisher: Godiji Jain Temple and Charities
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श्रीमद्भगवती सूत्रम्
विहरइ । तं तुब्भे णं देवाणुप्पिया, ममं कालगयं जाणेत्ता वामे पाए सुबेणं बंधह, २ तिक्खुत्तो मुहे उठुहह, २ त्ता सावत्थीए नयरीए सिंघाडग जाव पहेसु आकट्ठविकट्ठि करेमाणा महया महया सद्देणं उग्घोसेमाणा २ एवं वदह- 'नो खलु देवाणुप्पिया, गोसाले मंखलिपुत्ते 5 जिणे जिणप्पलावी जाव विहरिए । एस णं गोसाले चेव मंखलिपुत्ते समणघायए जाव छउमत्थे चेव कालगए । समणे भगवं महावीरे जिणे जिणप्पलावी जाव विहरइ । महया अणिड्डीअसक्कारसमुद्एणं ममं सरीरगस्स नीहरणं करेज्जाह ; एवं वदित्ता कालगए ॥ ( सू० ५५५)
३४. तए णं आजीविया थेरा गोसालं मंखलिपुत्तं कालगयं जाणित्ता 10 हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणस्स दुवाराई पिहेंति, २ त्ता हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणस्स बहुमज्झदेसभाए सावत्थि नयरिं आलिहंति, २ त्ता गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स सरीरगं वामे पादे सुंबेणं बंधंति, २ ता तिक्खुत्ती मुहे उभंति, २त्ता सावत्थीए नगरीए सिंघाडग जाव पहेसु आकट्ठविकट्ठि करेमाणा, नीयं २ सद्देणं उग्घोसे15 माणा २ एवं वयासी - 'नो खलु देवाणुप्पिया, गोसाले मंखलिपुत्ते जिणे जिणप्पलावी जाव विहरिए । एस णं गोसाले चेव मंखलिपुत्ते समणघायए जाव छउमत्थे चेव कालगए । समणे भगवं महावीरे जिणे, जिणप्पलावी जाव विहरइ' । सवहपडिमोक्खणगं करेंति, २ दोच्चं पि पूयासक्कारथिरीकरणट्टयाए गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स 20 वामाओ पादाओ सुंबं मुयंति, २ हालाहलाए कुंभकारीए कुंभकारावणस्स दुवारवयणाई अवगुणंति, २ गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स सरीरगं सुरभिणा गंधोदपणं ण्हाणेंति, तं चेव जाव महया इड्डिसक्वारसमुद्रणं गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स सरीरस्स नीहरणं करेंति ॥ ( सू० ५५६ )
३५. तए णं समणे भगवं महावीरे अन्नया कयाइ सावत्थीओ नयरीओ 25 कोट्टयाओ चेइयाओ पडिनिक्खमइ, २ बहिया जणवयविहारं विहरइ ॥

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